Wednesday, March 4, 2015

Symposium Reflection 2015 – Campaign BE with us Reflection (Safe women symbol of safe society) organized

पुत्रवती भव:….. कोई पुत्रीवती भव: क्यों नही बोलता..

MESSAGE Institution  organized  a symposium ‘REFLECTION’ (Awaken Women)  show scheduled to be held on 3rd of March 2015 at 11.30 Am.at Tilak TT College for women ,Jaipur, on participation of young  women at large  with an aim to create awareness towards their legal rights .On the occasion of International women day .

वंश चलाने के लिए मातृशक्ति चाहिए : नीरज के पवन
जयपुर। यत्र नारीयस्तु पुज्यन्ते रमन्ते त देवता हमारे वेद पुराणों में कहा गया है कि जहॉ नारी की पुजा होती है। वही देवताओं का वास होता है। परन्तु क्या आज समाज में यही हो रहा है। क्या महिलाओं के लिए आज समाज सुरक्षित है… इसी विषय पर सामाजिक सरोकारों से जुडी मैसेज संस्था व एन आर एच एम के सयुक्त तत्वाधान में अन्तर्राष्टीय महिला दिवस के पूर्व उपलक्ष में संस्था द्वारा रिफलेक्शन का आयोजन त्रिवेणी नगर स्थित तिलक टीचर टेंनिग कॉलेज में किया गया। जहॉं सभी अतिथियों का स्वागत पांरपरिक तरीके से तिलक लगाकर किया गया।
मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए एन.आर.एच.एम के निदेशक श्री नीरज के पवन ने बेटी बचाओं बेटी पढाओं के नारें से छात्राओं को सम्बोधित करतें हुए नारी की महत्ता के बारे बताया पवन ने कहा कि हम नवरात्रा मे नवदुर्गा की पुजा करते है, छोटी बच्चीयों को खाना खिलातें है, परन्तु उसी दुर्गा का अपमान कहीं न कहीं हमारा सभ्य समाज कन्या भ्रूण हत्या करके कर रहा है। पवन ने वहॉं उपस्थित भावी अध्यापिकाओं को धटतें लिंगानुपात के बारे में बताया कहा कि यदि इसी तरह लिंगानुपात धटाता रहा तों समाज में एक भयावह स्थति पैदा हो जायेगी। उन्होने कहा कि महिला होना गौरव की बात है। क्योंकि प्रकृति ने महिला को ही ये वरदान दिया है कि वह माँ बन सकती है।
नीरज के पवन ने कहा कि हमें समाज में फैले पांरम्परिक आर्शीवचनों को बदलने की जरुरत है। उन्होने वहॉं बैठी भावी अध्यापिकाओं से एक प्रश्र पुछा और कहा कि सभी बुर्जुग महिलाओं को अपने बोलते सुना होगा पुत्रवती भव:….. कोई पुत्रीवती भव: क्यों नही बोलता……आज हमें जरुरत है इन रुढिवादीताओं से आगे बढकर समाज को ये बताने की कि वंश चलाने के लिए मातृशक्ति चाहिए कोई बेटा अकेला अपना वंश नही चला सकता।
नीरज के पवन ने वहॉं बैठे सभी को हाल ही में एक धटना के बारे में बताया जिसमें आडे वक्त में बेटी ही काम आई आज उसे हम सब जानतें है वो है ‘सिमरन जिसने 65 प्रतिशत लीवर अपना अपने पिता को दिया है। जिससे कि उसके पिता आज जीवित है। उन्होंने कहा कि सब को इस प्रयास में आगें आना होगा तब ही हम अपनी बेटीयों को बचा सकेंगें,और आगे बढा सकेंगें। ‘देख नी हो जद हमारी देख लेना जिद हमारी से उन्होने अपनी बात समाप्त की। अन्त मे उन्होनें बच्चीयों को कन्या भ्रूण हत्या न करने और न करने देगें की शपथ दिलाई। वरिष्ट पत्रकार श्रीपाल शक्तावत ने कहा कि यदि हम स्वंय में विश्वास पैदा नही करेंगे तो जो धटना समाज में देखने और सुनने को मिल रही है। उस की जिम्मेदारी कहीं न कही हमारी स्वंय की है। इन धटनाओं के लिए हम किसी ओर को जिम्मेंदार नही ठहरा सकते।
उक्त अवसर पर निशा सिद्धु ने कहा कि हमारे समाज में भिखारी भी भीख के लिए यही आशीर्वाद देता है कि तेरा सुहाग जीता रहे,तेराभाई जीता रहे….. कोई भिखारी भी ये नही कहता सुना होगा कि तेरी माँ जिये तेरी बहन जियें……सिद्धु ने ‘वन स्टोप क्राईसेस पॉइट के बारे में बताया उन्होने कहा कि बेटी नही बचाओगे तो दुल्हन कहा से लाओगें।
संस्था कि कन्वीनर पूर्णिमा कौल के अनुसार उक्त अवसर पर अस्सिटेंट प्रोंफेसर, र्वजीनिया यूनिर्वसिटी यूएसए की मनीषा शर्मा ने कहा कि  इस तरह के प्रोगाम लडकों के साथ भी किये जाने चाहिये जिससे एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना को पूरा किया जा सकें। महिला सशक्तिकरण बोलने से नही आएगा। उसके लिए जरुरी है। कि आप स्वयं आगे बढे ओर खुद से कुछ करने का संकल्प लें। कॉलेज के चैयरमेन आर एस तोमर व् कॉलेज प्राचार्या डॉ आबिदा प्रवीण ने संस्था के काम को सराहा और इस तरह के प्रोगाम की समाज मे आवश्यकता पर बल दिया। कार्यक्रम में श्री उम्मेद सिंह (पुलिस अधिकारी) भाई पंचशील जैन, उधोगपति व समाजसेवी रवि कामरा सहित कई गणमान्य बुद्विजीवी उपस्थिति थे।
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